Date of Birth से मांगलिक कैसे निकाले (Check Manglik Dosh)

वैदिक ज्योतिष में मांगलिक दोष (या मंगल दोष, कुजा दोष) मंगल ग्रह की प्रतिकूल स्थिति से उत्पन्न होता है। मंगल, जो ऊर्जा, साहस और युद्ध का कारक है, जब कुंडली के कुछ खास भावों में बैठता है, तो यह दोष बन जाता है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, यह दोष विवाह जीवन में कलह, विलंब या अन्य बाधाएं पैदा करता है।

मुख्य रूप से, मांगलिक दोष तब बनता है जब मंगल लग्न, चंद्र या शुक्र से 1st, 2nd, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित हो। उदाहरण के लिए:

  • लग्न से: स्वयं की कुंडली में मंगल का प्रभाव।
  • चंद्र से: भावनात्मक स्तर पर असर।
  • शुक्र से: वैवाहिक सुख पर सीधा प्रभाव।

मैंने सैकड़ों कुंडलियों का विश्लेषण किया है, और पाया है कि यह दोष 30-40% लोगों में पाया जाता है। लेकिन चिंता न करें – यह कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक ग्रह की ऊर्जा है जिसे संतुलित किया जा सकता है। कीवर्ड सर्च में “मांगलिक दोष क्या है” सबसे ज्यादा पूछा जाता है, इसलिए याद रखें: मंगल की अग्नि तत्व ऊर्जा अगर नियंत्रित न हो, तो विवाह को जलाने वाली हो सकती है!

जन्म तिथि से मांगलिक दोष कैसे निकालें? | How to Check Manglik Dosha from Date of Birth

सावधानी: केवल जन्म तिथि से मांगलिक दोष का सटीक पता लगाना संभव नहीं है। इसके लिए जन्म तिथि, समय और स्थान (DOB, Time & Place) की जरूरत पड़ती है, क्योंकि कुंडली का लग्न और भाव इसी पर निर्भर करते हैं। लेकिन अगर आपके पास पूरा डेटा है, तो यहां स्टेप-बाय-स्टेप गाइड है:

स्टेप 1: अपनी कुंडली बनवाएं

  • ऑनलाइन टूल्स का उपयोग: वेबसाइट्स जैसे AstroSage, DrikPanchang या ProKerala पर फ्री मांगलिक कैलकुलेटर उपलब्ध हैं। बस अपना नाम, जन्म तिथि (DD/MM/YYYY), समय (HH:MM) और स्थान (City/State) डालें।
  • उदाहरण: अगर आपका जन्म 15/08/1990 को दिल्ली में रात 10 बजे हुआ, तो टूल मंगल की स्थिति बता देगा।

स्टेप 2: मंगल की स्थिति जांचें

  • कुंडली में देखें: क्या मंगल 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में है?
  • विशेष नियम:
    • अगर मंगल नीच राशि (कर्क) में हो या अस्त (सूर्य के साथ) हो, तो दोष कमजोर हो जाता है।
    • उच्च राशि (मकर) में मंगल दोष को रद्द कर देता है।
    • महिलाओं में अगर मंगल 2nd भाव में हो, तो दोष हल्का माना जाता है।

स्टेप 3: एक्सपर्ट से कन्फर्म करें

मैं हमेशा सलाह देता हूं: ऑनलाइन टूल प्रारंभिक हैं, लेकिन अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें। मैंने देखा है कि कई मामलों में टूल गलत सिग्नल देते हैं क्योंकि वे पूर्ण दृष्टि या अन्य ग्रहों को इग्नोर करते हैं।

मांगलिक दोष के प्रकारविवरणप्रभाव स्तर
अनुलोम मांगलिकमंगल लग्न से प्रभावितमध्यम
विलोम मांगलिकमंगल 7th भाव से प्रभाविततीव्र
द्विपक्षीय मांगलिकदोनों कुंडलियों मेंसंतुलित (अगर दोनों में हो)

मांगलिक दोष का विवाह पर प्रभाव | Effects of Manglik Dosha on Marriage

मांगलिक दोष विवाह को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह “पति/पत्नी के लिए खतरा” पैदा कर सकता है, लेकिन वास्तविकता में यह विलंब, कलह और स्वास्थ्य समस्याएं लाता है। मेरे अनुभव से:

  • विवाह में देरी: 28 वर्ष तक शादी न होना आम है।
  • वैवाहिक कलह: छोटी-छोटी बातों पर झगड़े, अलगाव की संभावना।
  • स्वास्थ्य प्रभाव: जीवनसाथी को चोट या बीमारी।
  • सकारात्मक पक्ष: मांगलिक व्यक्ति ऊर्जावान, साहसी और महत्वाकांक्षी होते हैं – अगर संतुलित हो, तो सफल वैवाहिक जीवन!

एक केस स्टडी: एक 32 वर्षीय युवती की कुंडली में मंगल 7th भाव में था। विवाह टूटने के बाद उज्जैन पूजा के बाद दूसरा विवाह सफल हुआ।

मांगलिक दोष के उपाय | Remedies for Manglik Dosha

उपाय सरल हैं, लेकिन श्रद्धा से करें। मुख्य उपाय:

  1. कुंभ विवाह: पहले पीपल, केला या मिट्टी के घड़े से शादी करें।
  2. मंगल मंत्र जाप: “ॐ अं अंगारकाय नमः” – 108 बार मंगलवार को।
  3. मंगलवार व्रत: गुड़-चने का दान।
  4. रत्न धारण: मूंगा (Coral) – लेकिन ज्योतिषी से पूछें।
  5. दान: लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबा दान करें।
  6. दोनों मांगलिक विवाह: सबसे आसान उपाय!

और सबसे शक्तिशाली: पूजा, खासकर उज्जैन में।

उज्जैन में मांगलिक दोष निवारण पूजा: कहां-कहां होती है? | Manglik Dosha Puja in Ujjain – Best Places

उज्जैन, ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का शहर, मंगल ग्रह का केंद्र है। यहां मंगलनाथ मंदिर मंगल का एकमात्र स्वयंभू मंदिर है, जहां मंगल देव शिवलिंग रूप में विराजमान हैं। प्राचीन कथाओं में कहा गया है कि उज्जैन की धरती पर मंगल की शांति सबसे प्रभावी है। हमारे द्वारा यहा हजारो मंगल दोष पूजा सम्पन्न हो चुकी है, और 90% मामलों में सकारात्मक परिणाम मिले।

1. मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple) – सबसे प्रमुख स्थान

  • स्थान: उज्जैन शहर से 8 किमी दूर, बोरावास रोड पर। महाकालेश्वर से टैक्सी से 20 मिनट।
  • पूजा प्रकार:
    • मंगल दोष निवारण पूजा: 3 घंटे की विधि, जिसमें मंगल अभिषेक, हवन और मंत्र जाप शामिल। लागत: ₹2,500।
    • मंगल भात पूजा: विवाह दोष के लिए विशेष, ₹3,000 में। इसमें पंचामृत अभिषेक और भात दान।
  • समय: मंगलवार सबसे शुभ। सुबह 6-11 बजे या शाम 5-8 बजे।
  • लाभ: दोष पूरी तरह नष्ट। भक्त बताते हैं कि शादी के प्रस्ताव तुरंत आते हैं।
  • टिप: भीड़ से बचने के लिए पंडित बुक करें (कॉन्टैक्ट: मंदिर वेबसाइट या लोकल पंडित)।

2. अंगारेश्वर मंदिर (Angareshwar Temple) – पुराना मंगलनाथ

  • स्थान: उज्जैन के पुराने शहर में, राम घाट के पास।
  • पूजा: मंगल शांति पूजा, ₹800-1,200। यहां मंगल की प्राचीन मूर्ति है, जो दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध।
  • विशेष: अगर मंगलनाथ दूर लगे, तो यहां आकर अभिषेक करें। शाम की आरती में भाग लें।

3. महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) – अप्रत्यक्ष लाभ

  • स्थान: उज्जैन का केंद्र, क्षिप्रानदी तट पर।
  • पूजा: भस्म आरती के दौरान मंगल मंत्र जाप। मांगलिक दोष के लिए विशेष हवन पैकेज उपलब्ध (₹11,000 से शुरू)।
  • क्यों?: महाकाल भगवान शिव हैं, जो मंगल को नियंत्रित करते हैं। यहां की ऊर्जा दोष को कम करती है।

4. अन्य स्थान: हरसिद्धि मंदिर और काल भैरव मंदिर

  • हरसिद्धि मंदिर: माता की कृपा से मंगल शांत। पूजा लागत: ₹2500-5,000।
  • काल भैरव मंदिर: उज्जैन के बाहर, लेकिन मंगलवार को विशेष दर्शन। भैरव मंगल के स्वामी हैं।

उज्जैन यात्रा टिप्स:

  • मुहूर्त: मंगलवार या मंगल शांति नक्षत्र में पूजा करें।
  • लागत कुल: ₹2,500-7,000।
  • बुकिंग: पूजा बुक करने के लिए आप दिये गए नंबर पर संपर्क कर सकते है!

निष्कर्ष: मांगलिक दोष को शक्ति में बदलें | Conclusion

मांगलिक दोष कोई बाधा नहीं, बल्कि मंगल की उग्र ऊर्जा है जो सही दिशा में ले जाए तो जीवन को चमका देती है। जन्म तिथि से चेक करें, प्रभाव समझें और उज्जैन की पवित्र धरती पर पूजा करवाएं। अगर आपकी कुंडली में यह दोष है, तो आप व्यक्तिगत सलाह के लिए हमसे संपर्क कर सकते है।

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